Sardinia, Italy: When eaten for the first time, not everyone likes the slightly bitter taste of black or green olives. However, once you get used to that bitterness, you can fall in love with its taste. I also like the gnarled and bent old olive trees that remind me of elderly persons.
सरदेनिया, इटलीः पहली बार खाओ तो काले या हरे जैतून का स्वाद सभी को अच्छा नहीं लगता, कुछ कुछ कड़वा सा लगता है, पर एक बार उस कड़वेपन की आदत पड़ जाये तो फ़िर नहीं छूटती. मुझे बूढ़ों जैसे टेढ़े मेढ़े, जैतून के वृक्ष भी बहुत सुन्दर लगते हैं.
Sardegna, Italia: Quando li assaggiano per la prima volta, non tutti apprezzano il gusto leggermente amaro delle olive verdi o nere. Ma una volta che diventi abituato a quella amarezza, puoi apprezzare meglio il suo gusto. Mi piacciono anche gli alberi di olive, contorti come dei vecchi.
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जैतून बहुत खाये, तेल भी लाते हैं.. पर पेड़ आज देखा
ReplyDeleteविवेक मुझे नहीं मालूम कि क्या भारत में जैतून के पेड़ होते हैं या नहीं, मैंने तो इन्हें मध्य पूर्व (middle east) तथा भूमध्यसागर के आसपास के देशों में ही देखा है
Deleteजैतून के वृक्ष सचमुच बड़े सुन्दर लग रहे हैं; जिस कड़वेपन का आपनें जिक्र किया है, उसका अनुभव अभी तक मिला नहीं.. दरअसल, जैतून चखनें का अवसर अभी तक प्राप्त नहीं हुआ..
ReplyDeleteहाँ.. जैतून के तेल से बना बहुत कुछ खाया है; और इस तेल को बालों में भी लगाता आया हूँ काफी दिनों से...
कहते हैं कि जैतून का फ़ल बहुत गुणों से भरा है, इसे हृदय रोग के लिए अच्छा बताते हैं. यहाँ इटली में इसका प्रयोग खाना बनाने में आम है :)
Deleteपहली बार देखा वृक्ष.
ReplyDelete:)))
Deleteओलिव के तेल का उपयोग भारत में बढ़ रहा है. भारतीय कम्पनियाँ भी उत्पादन करने लगी है, तो सम्भव है यह पौधा यहाँ भी उगने लगा होगा. वैसे पहली बार देख रहा हूँ. रही बात खाने की तो पित्जा में शायद इसकी टोपिंग भी होती है :)
ReplyDeleteभारत में जो विदेश में अच्छा माना जाता हो, उसे बेचना आसान होता है, और हमारी परम्परागत सम्पत्ति को लोग आसानी से भुला देते हैं, चाहे वह देसी घी हो या आँवले या सरसों का तेल :)
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