Assam, India: In Amingaon on the banks of Brahmputra river, not very far from Guwahati, immigrants from villages had set up a small slum. Most men there worked in a chemical factory. Today's images have innocent faces of boys playing in the streets of the slum.
असम, भारतः ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे, गुवाहाटी से थोड़ी दूर बसे अमीनगाँव में असम के गाँवों से आ कर बसने वाले लोगों ने छोटी सी झोपड़पट्टी बना ली थी. अधिकतर लोग वहीं की एक रसायनिक मिल में काम करते थे. आज की तस्वीरों में झोपड़पट्टी की कच्ची गलियों में खेलने वाले लड़कों के भोले चेहरे.
Assam, India: A Amingaon sulle vie del fiume Brahmaputra, non molto lontano da Guwahati, immigrati dai villaggi avevano costruito una piccola baraccopoli. Maggior parte degli uomini qui lavorano in una fabbrica di prodotti chimici. Le foto di oggi hanno le facce innocenti dei ragazzi che giocavano nelle stradine della baraccopoli.
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चहरे के भाव तो देखिये...
ReplyDeleteअच्छे व्यक्ति-चित्र.
Nice potraits
ReplyDeleteEk tha bachapan,chota sa, nanha sa tha bachpan.
ReplyDeleteधन्यवाद :)
ReplyDeleteloved the pics, loved the innocence in the eyes of the kids, good capture
ReplyDeleteVery Nice captures!
ReplyDeleteInnocence are lovely.
ReplyDeleteInnocence captured
ReplyDeleteतुम नही मसीहा से कम भाई
ReplyDeleteआशाओं की उम्मीदों की
किरण एक तुम नई जगाते
दिन-प्रतिदिन ले सपने आते
तुम नही मसीहा से कम भाई
केबीसी के मंच से तुमने
सदा नई एक राह दिखाई
लगता है कुछ ऐसा हमको
तुम नही मसीहा से कम भाई
टूट गये है सपने जिनके
छूट गये हैं अपने जिनके
तुमने उनको आस दिलाई
तुम नही मसीहा से कम भाई
सारे दुख जग के हर लोगे
खुशियों से दामन भर दोगे
नामुमकिन को मुमकिन करते
तुम नही मसीहा से कम भाई
अभय शर्मा 5 अक्टूबर 2011 (प्रकाशित 6 अक्टूबर 2011)
Dear Sunil please accept this poem as a token of small gift for our first meeting..
I also have a google site http://abhayasharma.net
कविता की भेंट के लिए सविनय धन्यवाद अभय जी. मैंने आप का बेवपृष्ठ देखा और आप की कविताएँ भी पढ़ीं. बस वहाँ टिप्पणी कैसे दी जाये यह नहीं समझ पाया. बधाई.
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