I like the composition of the first picture. I did take separate pictures of the two human figures but I think that this composition with empty space between the two is much more interesting. This was taken during the lunch break of a training course in Anchilo.
I like this one too for the focus on the baby's face even while behind you can see the meeting where Anna was speaking to persons affected with leprosy in Namaita.
This is a more classical composition, nothing really special about it but I like the way child's colours reflect the colours of the house. This was taken near Rapale.
नमपूला, मोज़ाम्बीक, अप्रैल २००६: आज की तस्वीरें भी मोज़ाम्बीक यात्रा से ही हैं. बहुत सी तस्वीरें खींचीं इस यात्रा में और उनमें से बहुत सी मुझे अच्छी भी लगती हैं पर दो या तीन करके दिखाऊँगा तो सारी दिखाने में एक साल लग जायेगा. लेकिन शुक्रवार को मुझे फ़िर से यात्रा पर निकलना है, इसलिए घबराईये नहीं, मोज़ाम्बीक की तस्वीरें अधिक दिन नहीं चलेंगी.
आज की तस्वीरों को जोड़ने वाली बात है इनके गर्म माने जाने वाले धरती के रंग, कथ्थिया, भूरे, सलेटी, मटमैले, धुलिया, आदि. सच कहूँ तो मुझे यह रंग पसंद नहीं, बहुत जल्दी थक सा जाता हूँ इन रंगो से और इसलिए, बादलों से घिरी हरयाली वाले रंग मुझे अधिक अच्छे लगते हैं, पर फ़िर भी यह तस्वीरें मेरे विचार में सुंदर हैं.
शानदार तस्वीरें, सुनिलजी. खुबसुरत
ReplyDeleteExcellent sir, keep it up..
ReplyDeleteIf I told you 'I love these pictures' I risk sounding cliched.
ReplyDeletefascinating
ReplyDeletegreat ! keep it up !
ReplyDeleteLallan
lallan@pu.ac.in