नागमंगला, कर्नाटकः आप ने कभी बरगद के बारे में कोई कविता पढ़ी है? क्या आप को नहीं लगता कि यह कवि लोग क्यों बरगद जैसे भव्य और सुंदर वृक्ष को निराशाजनक दृष्टि से देखते हैं? कोई उसे बूढ़ा कहता है, कोई लाचार, विकलांग, कोई उसके थकने की बात करता है तो कोई ढहने की. मुझे बरगद में बहुत से खम्बों वाले मंदिर के प्रांगण दिखते हैं.
Nagmangla, Karnataka, India: Non so perchè spesso le poesie riguardo l'albero di Baniano sono tristi che parlano di vecchiaia, solitudine e anche disabilità. Invece, quando guardo un albero di Baniano, mi sembra di vedere il cortile di un tempio, pieno di colonne.
सुंदर चित्र!
ReplyDeleteबरगद तो अमर वृक्ष है। मुझे तो हमेशा आकर्षित करता है। यदि उसे मनुष्य का हस्तक्षेप न मिले तो एक से अनेक हो जाता है। कभी तो लगता है वह सृष्टिक्रम सुझा रहा है।
बरगद की भव्यता केमरे में कैद नहीं हो पाई. बरगद अनुभवी बुजूर्ग जैसा लगता है, जिस पर हम भरोसा कर सकते है, जो तसल्ली देने वाला होता है.
ReplyDeleteI agree with mr. Bengani.
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