हिन्दी, मराठी, गुजराती, बँगाली आदि भाषाएँ फोनेटिक हैं, यानि इन भाषाओं के सभी स्वर इनकी वर्णमालाओं में हैं, इस तरह से एक वर्ण से केवल एक प्रकार की ध्वनि जुड़ी होती है. अंग्रेज़ी, स्पेनी, जर्मन, इतालवी यह सब भाषाएँ फोनेटिक नहीं हैं, इनमें कुछ ध्वनियों के लिए वर्णमाला में वर्ण नहीं हैं इसलिए एक वर्ण को अलग अलग तरह से बोल बोलते हैं जैसे कि अंग्रेज़ी का put और but, या उन ध्वनियों को वर्णों को मिला कर बनाते हैं जैसे कि स्पेनी में paella को पाएया पढ़ते हैं, फ्राँससी में Fille फिए पढ़ते हैं, इतालवी में को gn मिला कर नि की ध्वनि बनती है. इन सब भाषाओं की लिपी रोमन हैं लेकिन भाषाएँ भिन्न हैं, इसलिए हर भाषा के नियम भी भिन्न हैं और रोमन लिपी को भिन्न भिन्न तरीकों से बोलते हैं.
लिपि और उससे जुड़ी ध्वनि की यह घोर अवैज्ञानिकता है. मजे की बात है इसे ठीक करने की कोशिश भी नहीं होती. ऐसे में अहसास होता है कि हमारी शैलियाँ कितनी परिष्कृत है.
I think that nothing can surpass our eyes, only thing is that when we use our eyes, we don't always see the world because we are thinking of other things :) Thanks Mysay.in
Daily 3 new images from around the world with a brief reflection in English, Hindi and Italian - Thanks in advance for your comments - Grazie in anticipo per i vostri commenti - आप की टिप्पणियों के लिए धन्यवाद
Deepak ji, So lovely.
ReplyDeleteThanks Rupam :)
DeleteThe click is simply mesmerising... Amazing photographs
ReplyDeletewww.subzeroricha.blogspot.in
Thanks Richa
DeleteWonderful colours and details!
ReplyDeleteThank you Wolfgang
Deleteआज मैं फिर से वही बात दोहराना चाहूंगा : "फूलों से सुन्दर कुछ भी नहीं"
ReplyDelete:)
:))))
DeleteWaaaah... behad khubsurat!!!!
ReplyDeletedhanyavad shahnawaz
Deleteफूलों की लड़ियाँ... :) सुंदर
ReplyDeleteपोस्ट-इतर एक सवाल. बोलोनिया की स्पेलिंग का सीधा अनुवाद बोलोग्ना होता है. यह रोमन लिपि अलग अलग भाषाओं के लिए अलग अलग वर्तनी वाली होती है क्या?
ReplyDeleteहिन्दी, मराठी, गुजराती, बँगाली आदि भाषाएँ फोनेटिक हैं, यानि इन भाषाओं के सभी स्वर इनकी वर्णमालाओं में हैं, इस तरह से एक वर्ण से केवल एक प्रकार की ध्वनि जुड़ी होती है. अंग्रेज़ी, स्पेनी, जर्मन, इतालवी यह सब भाषाएँ फोनेटिक नहीं हैं, इनमें कुछ ध्वनियों के लिए वर्णमाला में वर्ण नहीं हैं इसलिए एक वर्ण को अलग अलग तरह से बोल बोलते हैं जैसे कि अंग्रेज़ी का put और but, या उन ध्वनियों को वर्णों को मिला कर बनाते हैं जैसे कि स्पेनी में paella को पाएया पढ़ते हैं, फ्राँससी में Fille फिए पढ़ते हैं, इतालवी में को gn मिला कर नि की ध्वनि बनती है. इन सब भाषाओं की लिपी रोमन हैं लेकिन भाषाएँ भिन्न हैं, इसलिए हर भाषा के नियम भी भिन्न हैं और रोमन लिपी को भिन्न भिन्न तरीकों से बोलते हैं.
Deleteलिपि और उससे जुड़ी ध्वनि की यह घोर अवैज्ञानिकता है. मजे की बात है इसे ठीक करने की कोशिश भी नहीं होती. ऐसे में अहसास होता है कि हमारी शैलियाँ कितनी परिष्कृत है.
Deleteबिल्कुल संजय. पर हमारी अपने को नीचा समझने की प्रवृति, उनकी कमियों को उनका बड़प्पन बना कर दिखाती हैं :)
DeleteSimply amazing.............
ReplyDeleteThanks Debopam
Deletethey look as lively as they would have looked through naked eyes !! mesmerizing looks of those flowers :)
ReplyDeleteI think that nothing can surpass our eyes, only thing is that when we use our eyes, we don't always see the world because we are thinking of other things :) Thanks Mysay.in
Deletethese flowers are so beautiful
ReplyDelete:))) Thanks Cifar
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