आप क्या शीर्षक देंगे इस तस्वीर को?
New amsterdam, Guyana: It was children's sports day and stadium was crowded with children and mothers, who were all making a ruckus. In the middle of the noise, this mother seemed concentrated on making the braids of her daughters, tying them with colourful rubber-bands.
What title would you give to this picture?
New Amsterdam, Guyana: Era il giorno dello sport e lo stadio era pieno di bimbi e le mamme. Nell'attesa dell'inizio dei giochi, i bambini gridavano e giocavano. In mezzo a tutta questa confusione, questa mamma sembrava concentrata a trecciare i capelli delle figlie, legandoli con elastici colorati.
Quale titolo avresti dato a questa foto?
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पिछली, फोटो 2, का जो शीर्षक मुझे सबसे अधिक पसंद आया वह था संजय का "दीदी", हालाँकि तीनों लोगों ने बड़ी बच्ची की आँखों में झलकती आशा, डर और स्नेह को ही महत्व दिया था, जोकि मेरी दृष्टि में भी उस तस्वीर की सच्चाई थी.
For the last picture, the title that I liked most was "Elder sister", since it expressed all the different sentiments that the elder girl seemed to be experiencing.
Per l'ultima foto, il mio titolo preferito era "sorella maggiore" perché esprime tutti i diversi sentimenti che la sorella maggiore sembrava sentire.
सजना है मेरी बिटिया को
ReplyDeleteचित्र अपने आप में माँ को परिभाषित कर रहा है ।
ReplyDelete1.माँ
2.माँ की ममता
3. माँ तो माँ होती है
4.स्नेहमयी माँ
* फ़ूलों सी परी मेरी लाड़ली
ReplyDeleteजब इंसान अधिक से अधिक मशीनो का उपयोग करने लायक हो जाता तब वह भी अनजाने में मशीनी हो जाता है, रिश्ते भी मशीनी हो जाते है. पर जो लोग अभी भी मशीनो से उतना कार्य नहीं लेते उनमें आपसी निकटता होती है, आत्मीय सम्बन्धो से जुड़े होते है. वहीं मशीनो के अभाव में कार्यो को निपटाने में अधिक समय जाता है.
ReplyDeleteकुछ काम तो फुरसत के समय निपटाने पड़ते है.
जैसे बच्ची के चोटी गुंथना.
हर माँ की नजर में उसका बच्चा दुनियाँ का सबसे सलोना बच्चा होता है, वह उसे सवांर कर नजर भी उतार लेती है. क्या यहाँ भी माँ यह नहीं सोच रही होगी की-
"परी को संवार लूँ."
बिना भूमिका के::
ReplyDeleteदुलारी या
नन्हीं परी