रोसवुड, कोरेनटाईन, गुयानाः उस दिन बहुत मन उदास था. अचानक एक घर में हेमोक पर झूलती यह बच्ची दिखी तो तुरंत उसकी माँ से मैंने तस्वीर लेने की आज्ञा माँगी.
Rosewood, Corentyne, Guyana: Ero un po' giù quel giorno. E poi, l'ho vista nell'amacca e subito ho chiesto alla sua madre il permssso di scattare questa foto.
कई बार पढ़ा था कि जो बात हजार शब्द नहीं कह सकते एक चित्र कह देता है यह बात आपके इस चित्र से अक्षरश: सही सिद्ध होती है।
ReplyDeleteबहुत कमाल की फोटोग्राफ़ी करते हैं आप।
बहुत अच्छी बिटीया है, दो चोटीयों वाली!
ReplyDeleteवैसे तो इस तस्वीर के बारे में मैने मध्यान्हचर्चा में लिख दिया है, फिर भी यहाँ टिप्पणी तो देने ही थी.
ReplyDeleteएकदम ग्रामिण भारत में ली गई लग रही हैं, यहाँ भी तो इसी प्रकार के झुले बाँध कर बच्चो को सुलाते है.
बच्चे मासुम होते है, यहाँ मुझे तो पिल्ला ज्यादा मासुम लग रहा है. आप बिटीया की बात कर रहे हैं और मेरा ध्यान बार बार इस पिल्ले पर जा रहा है. कितना मासुम और सयाना बच्चा लग रहा है.
आशा है आपकी दक्षिण अमेरिका की यात्रा सुखद रही होगी.
ReplyDeleteपूरी तस्वीर में एक अजब सी मासूमियत है, पता नहीं क्यों एक सुकून भी मिलता है और एक ऐसी घबराहट होती है कि जैसे कि मैं बिटिया रानी से नहीं वरन खुद से ही पूछ रहा हूं - किधर टकटकी लगाये देख रहे हो, कुछ तलाश रहे हो?
पिल्ले जी भी बहुत मासूम से हैं !
sunder hai beti :)
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