I think that if there was no death, for human beings there would not have any God, any temple, may be even no kindness, no love, no nature, no wildlife. The world would have had only self-centred, ambitious and ruthless humans. Today's images have places of death - 2800 years old Nuraghe group burial place, 2200 years old Etruscan tombs where ashes were kept and five hundred years old Mughal tombs.
मैं सोचता हूँ कि अगर मृत्यू न होती तो मानव जीवन में न भगवान होते, न मन्दिर. शायद दया भी न होती और न ही प्रेम, न प्रकृति, न पशु, पक्षी. दुनिया बस मानवों से भरी होती, स्वार्थी, महत्वाकाँक्षी और क्रूर मानव. आज की तस्वीरों में मृत्यू से जुड़े स्थान - 2800 वर्ष परानी नूरागे संस्कृति की सामूहिक कब्र, 2200 साल पुरानी एथ्रुस्कन कब्रें जहाँ मृत व्यक्तियों की राख रखी जाती थी और मुगल भारत से पाँच सौ वर्ष पुरानी कब्रें.
Penso che se esisteva la morte, per gli esseri umani, non sarebbe stato nessun Dio, nessun tempio, forse ne anche pietà o amore, o natura o animali. Il mondo avrebbe avuto soltanto esseri umani pieni di sé, ambiziosi e senza scrupoli. Le immagini di oggi riguardano luoghi della morte - le tombe nuraghe vecchie di 2800 anni, le tombe etrusche vecchie di 2200 anni e le tombe dei reali Mughal, vecchie di 500 anni.
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The place where all of us has to go one day
ReplyDeletewith joy or with sadness, in the end it does not matter :)
Deleteबिलकुल सही कहा...
ReplyDeleteधन्यवाद शाहनवाज़
Deleteमृत्यु से अधिकतर लोग डरते हैं ही।
ReplyDeleteडर तो एक हिस्सा है, पर पूरी कहानी डर में नहीं. यह सोचना कि मृत्यू का बाद क्या होता है, मृत्यू का बाद क्या शरीर का कुछ अँश बचता है जैसे अन्य कई प्रश्न हैं जिनकी वजह से मानव दर्शन और धर्म विकास हुआ.
Deleteधन्यवाद अनुराग :)
Mortality is the great leveller, and ultimately the only thing that also makes us humble. Thanks for sharing these pictures, Sunil.
ReplyDeleteThanks Sudha
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