Monday, 12 September 2011

Potter - Vasaio - कुम्हार

Potter Isabel making a bowl - S. Deepak, 2011
Potter Isabel making a bowl - S. Deepak, 2011
Potter Isabel making a bowl - S. Deepak, 2011

Goias Velho, Brazil: Isabel is making a bowl. In my mind, the figure of a potter is inextricably linked to the words from Kabir, the poet saint of medieval India, "Mud says to the potter, you who are digging me, a day will come when I will bury you."

गोयास वेल्यो, ब्राज़ीलः इज़ाबेल मिट्टी के कटोरे बनाती है. मेरे मन में कुम्हार की छवि के साथ कबीर का भजन जुड़ा है, "माटी कहे कुम्हार से, बे तू क्या खोदे मुझको. इक दिन ऐसा आयेगा, मैं गाड़ूँगी तुझको."

Goias Velho: Isabel crea una coppetta. Nella mia mente la figura di vasaio è associata alle parole di Kabir, il  santo-poeta dell'India medievale, "La terra dice al vasaio, tu che mi scavi oggi, un giorno verrà che ti seppellirò."

***

5 comments:

  1. माटी में मिलने से पहले माटी को आकार दें, यही जीवन है... सुन्दर तस्वीरें....

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  2. "Mud says to the potter, you who are digging me, a day will come when I will bury you." Aww... Great thoughts!!

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  3. School ke baad aaj pehli baar 'maati kahe kumhaar se...' se mulaquat hui:) very nice...

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  4. दीपक जी,
    सुन्दर छायाचित्र हैं। एक सुधार मेरी समझ मे आ रहा है, मैने ये दोहा कुछ इस तरह से पढ़ा है: माटी कहे कुम्हार से, तू क्या गूँथे मोय्। इक दिन ऐसा आयेगा, मैं गूँथूँगी तोय्।

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  5. मनीष, यह दोहा अवश्य कई रूपों में प्रसिद्ध होगा, जो शब्द मैंने लिखे थे वे पंडित भीम सेन जोशी द्वारा गाये कबीर भजन से है, "यह तन मुँडना". यह जानना मुझे भी अच्छा लगेगा कि स्वयं कबीर ने इस बात को किन शब्दों में कहा था.

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