खूबसूरती, बदसूरती, सब हमारे अपने अंदर होती है, मेरे विचार में "बदसूरत बालहँस" की कहानी का यही संदेश है. अपने परिवार से, अपने मित्रों से, अपने आसपास रहने वालों से भिन्न होते हैं तो हमें लग सकता है कि हम सुंदर नहीं. जब यह समझ आ जाये कि अपने आप में हर कोई सुंदर हो सकता है, बस उसे दूसरे के मापदँड से न मापें, तो फ़िर मन से हीन भावना जा सकती है.
आपने 'इसे' बदसूरत हँस क्यों कहा? क्योंकि ए 'कला' है इसलिए? मैं भी 'काली' हूँ किन्तु खुद से बहुत प्यार करती हूँ मैं और मुझे बहुत बहुत सारे लोग प्यार करते है.मैं उन् खुश नसीबों में से हूँ जिन्हें जाने अनजाने तक का प्यार मिलता है.गोरी गोरी औरते भि ईर्ष्या करती है कि तुम्हे हर कोई इतना प्यार क्यों और कैसे कर लेते हैं.मैं कहती हूँ -'मैं ईश्वर की बनी हुई रचना हूँ.क्या मुझ सा उसने कोई दूसरा बनाया है इस दुनिया में? फिर खुद को कमतर क्यों समझूं और एक प्यारा स दिल भी तो दिया है 'उसने' जो सबको प्यार करता है और अपने दुश्मन का भी बुरा नही चाहता इसलिए सब मुझे प्यार करते हैं. ख़ूबसूरती का सम्बन्ध रंग से नही उससे है जो आप लोगों को देते हैं. आप एकदम गंदे हैं . हा हा हा मेरा रंग का एक बिंदु आपके चेहरे की ख़ूबसूरती को कई गुना बढा देगा. सच्ची ऐसिच हूँ मैं.
Daily 3 new images from around the world with a brief reflection in English, Hindi and Italian - Thanks in advance for your comments - Grazie in anticipo per i vostri commenti - आप की टिप्पणियों के लिए धन्यवाद
काले रंग पर लाल चोंच....सुन्दर
ReplyDeleteये बदसूरत मुझे तो बहुत सुंदर लगे।
ReplyDeleteखूबसूरती, बदसूरती, सब हमारे अपने अंदर होती है, मेरे विचार में "बदसूरत बालहँस" की कहानी का यही संदेश है. अपने परिवार से, अपने मित्रों से, अपने आसपास रहने वालों से भिन्न होते हैं तो हमें लग सकता है कि हम सुंदर नहीं. जब यह समझ आ जाये कि अपने आप में हर कोई सुंदर हो सकता है, बस उसे दूसरे के मापदँड से न मापें, तो फ़िर मन से हीन भावना जा सकती है.
ReplyDeleteUgliness,like beauty, lies in the eyes of beholder !
ReplyDeleteआपने 'इसे' बदसूरत हँस क्यों कहा? क्योंकि ए 'कला' है इसलिए?
ReplyDeleteमैं भी 'काली' हूँ किन्तु खुद से बहुत प्यार करती हूँ मैं और मुझे बहुत बहुत सारे लोग प्यार करते है.मैं उन् खुश नसीबों में से हूँ जिन्हें जाने अनजाने तक का प्यार मिलता है.गोरी गोरी औरते भि ईर्ष्या करती है कि तुम्हे हर कोई इतना प्यार क्यों और कैसे कर लेते हैं.मैं कहती हूँ -'मैं ईश्वर की बनी हुई रचना हूँ.क्या मुझ सा उसने कोई दूसरा बनाया है इस दुनिया में? फिर खुद को कमतर क्यों समझूं और एक प्यारा स दिल भी तो दिया है 'उसने' जो सबको प्यार करता है और अपने दुश्मन का भी बुरा नही चाहता इसलिए सब मुझे प्यार करते हैं. ख़ूबसूरती का सम्बन्ध रंग से नही उससे है जो आप लोगों को देते हैं.
आप एकदम गंदे हैं .
हा हा हा
मेरा रंग का एक बिंदु आपके चेहरे की ख़ूबसूरती को कई गुना बढा देगा.
सच्ची ऐसिच हूँ मैं.
सुन्दर
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