A few days ago, I went out with my wife for shopping. She wanted to buy some fish from a shop right next to the ground, where luna park had been set up. You get the fish, I am coming, I told her and walked to the luna park.
The whole place looked deserted. I saw the entry gate was unmanned and open, so I looked around and not seeing anyone, went inside. Probably everyone working there was sleeping after the long night. There were a few men doing cleaning but they did not look at me. The swings and other games, looked strange and lifeless, as if waiting for some god to blow life into them. The pictures of today are from that morning.
इतालवी भाषा में विभिन्न झूलों, खेलों वाले मेले को "लूना पार्क" यानि चाँद का बाग कहते हैं, शायद इसलिए कि यह मेले केवल रात को अँधेरा होने के बाद ही खुलते हैं और फ़िर सारी रात चलते हैं. लूना पार्क में जाने से दिल बहुत घबराता है, क्योंकि वहाँ तेज़ संगीत, हर तरफ जलती बुझती रोशिनयाँ, भीड़ भड़क्का और शोर होता है.
कुछ दिन पहले सुबह पत्नी के साथ खरीदारी के लिए निकला और जहाँ से मछली खरीदनी थी, वह दुकान उसी मैदान के पास है जहाँ लूना पार्क लगा है. तुम खरीदारी करो, मैं वहाँ लूना पार्क को देख कर आता हूँ, मैंने कहा.
सारी जगह सुनसान लग रही थी, पर मैदान में घुसने का गेट खुला था. आसपास देखा, कोई नहीं था, तो भीतर घुस गया. खेलों वाले रात भर काम करके शायद सो रहे थे और बिना भीड़ भाड़, संगीत और शोर के, वह लूना पार्क मरा हुआ सा लग रहा था. कहीं कोई इक्का दुक्का दिखाई दिया तो उन्होंने मेरी तरफ गौर नहीं किया. आज की तस्वीरें उसी सुबह की हैं.
जानकारी के लिए धन्यवाद
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