बोलोनिया के ग्रीष्म समारोह में कल रात को बारी थी बेले नृत्य की. रोम का बेले विद्यालय, मोस्को का नृत्य संघ, म्यूनिख का ओपेरा, पेरिस का अंतर्राष्ट्रीय नृत्य विद्यालय, अमरीकी नृत्य कम्पनी, सभी आये थे बोलोनिया प्रेम के विषय पर नृत्य दिखाने, मशहूर ओपेरा जैसे स्वानलेक (हँसों की झील), जिसेल, कारमेन, रोमोयों और जूलियट जैसे नृत्यों के कुछ भाग दिखाने. सब कुछ मुफ्त था, बोलोनिया के पुराने शहर के केंद्र में खुले आकाश के नीचे. रात को बारह बजे, दुखी मन उसे बीच में छोड़ का आना पड़ा क्योंकि आज काम पर जाना था, पर मन में उन नृत्यों की छवि अभी भी बनी हुई है.
Friday, 9 June 2006
Dancing stars - नाचते सितारे
Last night was Danza Amores night in Bologna, as part of the summer festival. A stage was set up in the centre of Piazza Maggiore, the central sqaure of the city. Dancing stars from famous ballet schools including Russia, France, USA, Germany were there to present themes on love from famous operas like Swan Lake, Giselle, Carmen and Romeo & Juliet. It was pure heaven and I would liked to stay there but at midnight I had tear myself away! One of most wonderful and magical evenings ever. And it was free.
बोलोनिया के ग्रीष्म समारोह में कल रात को बारी थी बेले नृत्य की. रोम का बेले विद्यालय, मोस्को का नृत्य संघ, म्यूनिख का ओपेरा, पेरिस का अंतर्राष्ट्रीय नृत्य विद्यालय, अमरीकी नृत्य कम्पनी, सभी आये थे बोलोनिया प्रेम के विषय पर नृत्य दिखाने, मशहूर ओपेरा जैसे स्वानलेक (हँसों की झील), जिसेल, कारमेन, रोमोयों और जूलियट जैसे नृत्यों के कुछ भाग दिखाने. सब कुछ मुफ्त था, बोलोनिया के पुराने शहर के केंद्र में खुले आकाश के नीचे. रात को बारह बजे, दुखी मन उसे बीच में छोड़ का आना पड़ा क्योंकि आज काम पर जाना था, पर मन में उन नृत्यों की छवि अभी भी बनी हुई है.
बोलोनिया के ग्रीष्म समारोह में कल रात को बारी थी बेले नृत्य की. रोम का बेले विद्यालय, मोस्को का नृत्य संघ, म्यूनिख का ओपेरा, पेरिस का अंतर्राष्ट्रीय नृत्य विद्यालय, अमरीकी नृत्य कम्पनी, सभी आये थे बोलोनिया प्रेम के विषय पर नृत्य दिखाने, मशहूर ओपेरा जैसे स्वानलेक (हँसों की झील), जिसेल, कारमेन, रोमोयों और जूलियट जैसे नृत्यों के कुछ भाग दिखाने. सब कुछ मुफ्त था, बोलोनिया के पुराने शहर के केंद्र में खुले आकाश के नीचे. रात को बारह बजे, दुखी मन उसे बीच में छोड़ का आना पड़ा क्योंकि आज काम पर जाना था, पर मन में उन नृत्यों की छवि अभी भी बनी हुई है.
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सुन्दर।
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