बेजिंग, चीनः श्रीमान माओ के शासन के दौरान चीनियों ने पुराने मंदिरों को तोड़ कर वहाँ काम करने वाले बौद्ध भिक्षुकों को मार या भगा डाला था. पर पिछले बीस वर्षों में धीरे धीरे चीनवासियों ने भूली हुई भक्ती को फ़िर से खोज लिया है, हालाँकि भिक्षुक और पुजारी आज भी कठिनाई से ही देखने को मिलते हैं.
Pecchino, Cina: Durante gli anni di Mao, avevano distrutto i templi e ucciso o imprigionato i preti. Negli ultimi 20 anni, gradualmente i cinesi hanno riscoperto la preghiera, anche se è ancora difficile vedere molti preti.
तस्वीर कुछ पुरानी लग रही हैं. खैर चीन की सैर भी कर ली.
ReplyDeleteआस्था को जबरदस्ती खत्म नहीं किया जा सकता और न ही पैदा किया जा सकता हैं. इस बात का यह उत्तम उदाहरण हैं.
कुछ लोग तो फोटो के लिए ही अगरबत्ती जला रहे लगते हैं. ;)