Cairo, Egypt: The pyramids of Giza are remains of a royal necropolis, that means they are a cemetery. Four thousand years old pyramids are considered as one of the oldest signs of human action in the world. But if you think that life on earth started millions of years ago, these four thousand years seem just a moment of time.
अल काहिरा, मिस्रः गीज़ा के पिरामिड राजसी मृतों के शहर यानि कब्रिस्तान के अवशेष हैं. चार हज़ार वर्ष पुराने पिरामिड वैसे तो धरती पर मानव के सबसे प्राचीन निशानों में से हैं, पर अगर सोचिये कि धरती पर जीवन करोड़ों वर्ष पहले जन्मा तो लगता है कि उनके सामने यह चार हज़ार वर्ष एक क्षण के बराबर हैं.
Cairo, Egitto: Le piramidi di Ghisa sono i resti di una necropoli reale, ciò è sono un cimitero. Hanno quattro mila anni e sono considerati tra uno dei segni più antichi dell'attività umana sulla terrà. Ma se pensiamo che la vita sulla terra è iniziata milioni di anni prima, questi quattro mila anni sembrano soltanto un attimo.
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अदुभुद्ध !!!
ReplyDeleteधन्यवाद प्रभात जी
DeleteHi
ReplyDeleteVery nice post. Love the lines you have written in hindi.
Regards
Ruchita
Thanks Ruchita for this nice appreciation :)
DeletePyramids are wonderful structures !! How huge the efforts were for constructing them !! Moreover, four thousand years ago ! Really amazing.
ReplyDeleteThey are huge, but the passage to go inside is dark and narrow, it made me really afraid!
DeleteThanks Abhinav
wonderful pictures.
ReplyDeleteThanks Seema :)
DeleteBeautiful pics.
ReplyDeleteDouble comments means double appreciation or problems with Blogger! I prefer tobelieve the first explanation :)
DeleteThanks again.
Such amazing photographs! It feels like I'm there! :)
ReplyDeleteEdible Entertainment
Thanks Kavi :)
Deleteसही है, मनुष्य सभ्यता जीवन की ऊंचाई के मुकाबिल बहुत छोटी है।
ReplyDeleteधन्यवाद, दिनेश जी बस थोड़ी याद रखने की कठिनाई है :)
Deleteवहां मौजूद पहरेदार को देखकर लगता है कि शायद पिरामिड के पास जाना या उसपर चढ़ना अब निषिद्ध हो गया है.
ReplyDeleteचिचेन इत्ज़ा के पिरामिड भी अनूठे और सम्मोहक हैं.
दुनिया में देखने और घूमने को कितना कुछ है और हम यहाँ सुबह नौ से शाम सात के फेर में अटके हुए हैं:)
धन्यवाद निशांत. पहरेदार तो आंतकवादियों से रक्षा के लिए हैं, पिरामिड पर चढ़ना या अंदर जाना मना नहीं है!
Deleteचिचेन इत्ज़ा कहाँ है, पेरू में? मैं मध्य और दक्षिणी अमरीका में बहुत पहले गया था जब काम से बाहर कुछ नहीं दिखता था :)
मृतकों के शहर के नाम पर कुछ और भी ध्यान में आ रहा था. पिछला कमेन्ट करने के बाद (जो यहाँ दिखाई नहीं दे रहा है) मुझे पोम्पेई की याद आ गयी.
ReplyDeleteपोमपेई मृतों का शहर नहीं बना था, वहाँ तो लोग दुर्घटना में मरे जिससे वह मृतों का शहर बना. जबकि पिरामिड नेक्रोपोलिस यानि कब्रों के रूप में ही बने!
DeleteWow, you showcase many wonders of the world. I would love to see these gigantic tombs some day.
ReplyDeleteThanks D. Nambiar. The more you see the world, the more you understand how much there is to see!
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