Guwahati, Assam, India: Outside the state library there are 3 statues of persons linked with art, theatre, film and writing - Jyoti Prasad Agarwala, Bishnu Prasad Rabha and Phani Sarma. All the three were associated with the left-leaning Indian People's Theatre Association (IPTA). When I saw the statues I thought that only in the north-east of India we can give so much importance to cultural persons, in rest of India such respect is accorded only to political leaders.
गुवाहाटी, भारतः राज्य पुस्तकालय के बाहर तीन मूर्तियाँ हैं जिनमें असम के कला, नाटक, फ़िल्म तथा लेखक जगत से जुड़े तीन प्रसिद्ध कलाकार हैं - रूपकँवर ज्योति प्रसाद अग्रवाला, कलागुरु बिश्नु प्रसाद राभा एवँ नाट्यसूर्य फणी शर्मा. तीनों व्यक्ति वामपँथी कला संस्था इप्टा यानि भारतीय जन नाटक मँच से जुड़े थे. यह मूर्तियाँ देख कर मुझे लगा कि सांस्कृतिक जीवन से जुड़े लोगों को महत्व देना शायद उत्तरपूर्वि भारत की ही खूबी है, बाकि भारत में इस तरह का सम्मान केवल राजनीतिक नेताओं को मिलता है.
Guwahati, Assam, India: Fuori della biblioteca statale vi sono 3 statue di persone coinvolte in arte, teatro, film e scrittura - Jyoti Prasad Agarwala, Bishnu Prasad Rabha e Phani Sarma. Tutte le tre erano collegate con IPTA (Associazione del teatro popolare indiano), un gruppo culturale di sinistra. Quando ho visto queste statue ho pensato che solo nell'India del nord-est si danno tanta importanza ai personaggi culturali, nel resto dell'India simili onori sono riservati soltanto ai capi politici.
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आप को बधाई ! आप ने सांस्कृतिक जीवन /जन नाटक मंच से जुड़े सर्व श्री रूपकंवर ज्योति प्रसाद अग्रवाल कलगुरु विश्र प्रसाद सभा एवं नाट्य सूर्य फणी शर्मा जी की छाया प्रति उपलब्ध करके कला जगत की प्रति उपकार ही नही किया है अपितु सजग किया है आप को वारम्बार बधाई !!
ReplyDeleteसुखमंगल जी, सराहना के लिए बहुत धन्यवाद :)
DeleteDeepak ji, Great photos, Thanks for sharing.
ReplyDeleteThanks Rupam :)
DeleteDeepak ji, The second photograph was of “Phani Sarma” not “ Bishnu Prasad Rabha “
ReplyDeleteThanks
Thank you Rupam for pointing it out, I will correct it.
DeleteWelcome Deepak ji :)
DeleteWhat craftsmanship.
ReplyDeleteLove how those dhotis are done!
I was very impressed with the texture of the kurtas, they look so real! Clay can be a wonderful medium for sculptures.
DeleteThanks D.
भाई सुनील दीपक जी आपने कठिन मेहनत किया है | आपको बधाइयां ! आपकी आज्ञा से हम विना कोई पारिश्रमिक के सभ्यता -संस्कृति से सम्बद्ध छायाचित्र सजोने की मुझमें जिज्ञाशा/मन हो रहा है| आपकी इजाजत आवश्यक ! धन्यवाद
ReplyDeleteसुखमँगल जी, आप इस ब्लाग की सभी तस्वीरों का व्यक्तिगत स्तर पर, जैसा चाहें वैसा प्रयोग कर सकते हैं, मुझे आपत्ती नहीं होगी. हाँ अगर बात व्यवसायिक उपयोग की हो तो हम उसके बारे में बात कर सकते हैं.
Deleteआदरणीय सुनील दीपक जी व्यवसायिक प्रयोग में हमें प्रयोग करना ही नहीं |
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