Bologna, Italy: If two women love each other and want to live together, then I can't understand why some people get so worked up about it? They call it illegal and in some countries these women get jail or even death. In India some people say that it is against our culture. I think that these persons do not know Indian culture and are instead influenced by ideas of Victorian England. Something that arises in your heart and emotions, that does not hurt others, how can that be against any culture? Today's images have purple hairs from the Gay Lesbian Bisexual Transexual pride parade. Purple is also the colour of flag of Italian lesbian association.
बोलोनिया, इटलीः दो युवतियाँ एक दूसरे से प्यार करें और साथ रहना चाहें, तो मुझे समझ नहीं आता कि लोग इस बात से क्यों गुस्सा करते हैं? उसे गैरकानूनी कहते हैं, यहाँ तक कि कुछ देशों में उन्हें कारावास या मृत्युदँड मिलता है. भारत में कुछ लोग कहते हैं कि यह भारतीय संस्कृति के विरुद्ध है. मेरे विचार में वह लोग भारतीय संस्कृति को ठीक से नहीं जानते और समझते, बल्कि उनकी सोच विकटोरियन ईंग्लैंड के विचारों से प्रभावित है. जिसकी प्रेम भावना मन में होती है, जिससे किसी अन्य का कुछ बुरा नहीं होता, वह किसी भी संस्कृति के विरुद्ध कैसे हो सकता है? आज की तस्वीरों में बोलोनिया समलैंगिक द्विलैंगिक अंतरलैंगिक गर्व परेड से जामुनी बालों वाली युवतियाँ. इटली की समलैंगिक युवतियों की संस्था ने अपने झँडे का रंग भी जामुनी ही चुना है.
Bologna, Italia: Se due donne si amano e vogliono vivere insieme, non capisco perché ciò fa arrabbiare alcune persone? Questo amore, la chiamano illegale. In alcuni paesi le mettono nelle prigioni o le uccidono. In India alcuni dicono che questo amore è contro la nostra cultura. Penso che queste persone non conoscono la cultura indiana e piuttosto sono influenzati dal modo di pensare dell'Inghilterra vittoriana. Qualcosa che nasce dall'amore, che non fa male agli altri, come può essere contro qualunque cultura? Le immagini di oggi hanno donne con i capelli viola dalla parata Orgoglio GLBTI. Viola è anche il colore dell'associazione lesbica italiana.
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गर्व-परेड और विरोध, मुझे तो दोनो सिरे ही अतिवादी लगते है.
ReplyDeleteजिसे हमेशा कहा जाये कि तुम गलत हो, तुममें कोई कमी या बीमारी है, तुम शर्मनाक हो, उसके मन में हीन भावना आ जाती है. उसके लिए यह कहना कि मुझे गर्व है अपने पर, मैं जैसा हूँ उसमें मेरी कोई गलती नहीं, मुझे कोई शर्म नहीं, उस हीन भावना से उभरने का तरीका है. जिसे कानून कहे कि तुमने इस तरह के प्यार से अपराध किया है और तुम्हें सजा मिलनी चाहिये, जेल में रखना चाहिये या मृत्युदँड मिलना चाहिये, या बिजली के शाक दे कर दिमाग को कुँद करना चाहिये, उससे लड़ने के लिए शायद अतिरेक आवश्यक है!
Deletenice thought..maybe it goes against the social norms...and people feel threatened~
ReplyDeletehttp://sushmita-smile.blogspot.com/
Yes, may be people feel threatened that others who face injustices or lack of reedoms, will also start rebelling and the whole society, especially male dominance, will collapse!
DeleteThanks Sushmita :)
आप से असहमत नहीं हूँ. मगर बात केवल परेड तक की नहीं है. हाल में एक दफ्तर की फोटो देखी उसमें एक बंदा विचित्र हुलिया बनाए था. पता चलता है कि गे है. भाई हम शादी के कपड़े दफ्तर पहन कर नहीं आते और न ही रात के परिधान में किसी समारोह में जाते है. यह आजादी छिनने जैसी बात नहीं है. कुछ हद तक शिष्टाचार भी है. तो आप भी सामान्य रहो. आपकी सेक्स-इच्छाएं क्या है इसका आपके पोशाकों से मैक-अप से हर जगह जाहिर करने की क्या जरूरत है?
ReplyDeleteबाकि तो सुसरों के जिवन में टाँग अड़ाने की अनुमति किसी को नहीं होनी चाहिए.
सुसरों के जिवन में = दुसरों के जीवन में
ReplyDeleteI agree !
DeleteThanks V. :)
Deleteजिसकी प्रेम भावना मन में होती है, जिससे किसी अन्य का कुछ बुरा नहीं होता, वह किसी भी संस्कृति के विरुद्ध कैसे हो सकता है?
ReplyDelete..पूरी तरह सहमत। यह विचार और तस्वीरें दोनो खूबसूरत हैं।
धन्यवाद देवेन्द्र :)
Deleteआपसे सहमत नहीं हूँ सुनील जी...
ReplyDeleteशाहनवाज़, मैं भी हमेशा मानता हूँ कि सबको बात कहने का अधिकार होना चाहिये पर हमारा भी असहमत होने का अधिकार है. इसलिए तुम्हारी असहमती के लिए धन्यवाद. इस बात पर मुझे मालूम है कि बहुत से लोग असहमत होते हैं!
DeleteLovely Colors!!
ReplyDeleteThanks DoW! :)
DeleteTo each his/her own, lovely colorful pictures :)
ReplyDeleteTo his/her own is a more western way - it means I have my life and I want to lead it the way I want. South Asian culture traditionally does not believe in this, it rather says "well being of family is above all" so everyone has the right to interfere! :)
DeleteHowever, times are changing so I feel our cultures need to find a new balance, that are more respectful of individual choices!
Thanks Ghazala :)
hmhm.... when I was first introduced to the idea of homosexuality, I felt immediately averse to it. It was during my early teens I suppose. But, I think I slowly grew, learned more about choices, people and the society in general and now I think it's each and everyone 's choice . It was like sex - when I first learned about sex, I was pretty much weird-ed out by the thought of it. I just wasn't ready to accept that it's just how it is. I think its the same with people who do not accept homosexuality as a fact of life. They just aren't really to accept things as they are.
ReplyDeleteThanks Muthu. How you reacted to it and how you changed with time, is probably how it happens with most persons.
DeleteHowever, there are persons where family values, culture, religion etc. take a stronger role in shaping their ideas and they take longer to accept it or may be, never accept it. :)
Personally I think that we can only change ourselves, we can't change how others think. They will change, if and when, they are ready for the change!